Sunday, March 20, 2016

How to work 4 stroke engine cycle? Process of 4 stroke engine cycle. How to work bike,car,trucks engine




4 stroke engine नाम से ही पता चलता है की इस engine मे 4 stroke मे
cycle process complite होता है। अर्थात piston के 2 बार ऊपर से नीचे
होने मे cycle पूरा होता है।



4 stroke engine की दक्षता 2 stroke engine के अपेक्षा अधिक होती है,
सारे heavy vehicle bus car truck etc मे 4 stroke engine use होते है।

1) suction-
* TDC to BDC- जब piston TDC to BDC move होता है इस condition मे
suction value open होता है और exhaust value close रहता है तब petrol
engine मे air fuel mixture का और diesel engine मे air का suction होता
है।

*BDC- जब piston BDC पर पहुचता है तब suction और exhaust value बंद हो जाता है।

2) compression-
*BDC to TDC- piston BDC to TDC move होता है तब petrol engine मे  air
fuel mixture और diesel engine मे air का compression होता है।

*TDC- petrole engine मे spark plug के through और diesel engine मे
diesel inject कराकर  fuel burn होता है।

3) expansion-
*TDC to BDC - fuel burn होने के कारण उनके जली हुई gas का  cylender मे
expansion होता है जिससे piston BDC मे पहुच जाता है।

4) exhaust-
*BDC to TDC- जब piston BDC मे पहूचती है तब exhaust value open हो जाता
है फिर gas exhaust value के द्वारा cylender से बाहर निकल जाती है।

Saturday, March 19, 2016

HOW TO WORK 2 STROKE ENGINE CYCLE.



Introduction- जैसा  की नाम से पता चल रहा है की इसमे 2 stroke मे work
done complite हो जाता है अर्थात piston के एक बार ऊपर से नीचे move होने
पर 1 cycle complite हो जाता है।

मोपेड, auto scooty, suzuki इन सभी मे 2 stroke engine use होता है।

इसकी efficiency 4 stroke engine के तुलना मे कम है और 2 stroke engine
वाली गाड़ियो को पहचानने का एक आसान तरीका है, जिन गाड़ियो मे petrole के
साथ 2T oil भी डालना पड़ता है वो 2 stroke है।

I- inert port (fuel inlet)

T- transfer port (fuel transfer from crank cage to cylinder)

E- exhaust port (flue gas exit)

spark plug- (fair)

piston piston rod and crank cage

T.D.C.- top dead center
B.D.C.- bottom dead center

2 STROKE PROCESS

*BDC- जब piston BDC पर होता है तब inert port बंद होता है और transfer
&exhaust port open होता है।

यह condition तब आता है जब cylender मे fuel burn हो चुके होने है और
उनके gas के expansion के कारण piston नीचे BDC मे पहुच जाता है।

*BDC to TDC- जब piston BDC to TDC move होता है तब 'I' inert port से
air fuel mixture का station होता है जो crank cage collect होता है।

और cylender मे उपस्थित (air+fuel) mixture का compression होता है तथा
जो जली हुई gas होती है वो पूर्ण रूप से 'E' exhaust से बाहर निकल जाती
है।

*TDC- जब piston TDC पर पहुचती है तब transfer value और exhaust value
close हो जाती है।

air fuel mixture high compressed हो गया होता है।

फिर constant volume मे spark plug से spark होता है।

*TDC to BDC - fuel के burn होने से gas का expansion होता है जिससे
piston TDC to BDC मे move होता है।

piston के TDC to BDC move के दौरान crank cage से 'T' transfer से air
fuel mixture cylender मे enter करता है।

यही process continue बार बार होता है।

Tuesday, March 8, 2016

zero's, 1st & 2nd law's of thermodynamic.

(1) zero's law of thermodynamics- माना A, B, C, 3 body है, जिसमे A, B से तथा B, C से उष्मीय साम्यावस्था मे हो तो A, C से भी उष्मीय साम्यावस्था मे होगा।

(2) First law of thermodynamics- उष्मा न तो उत्पन्न होती है, न ही नष्ट होती है, एक अवस्था से दूसरे अवस्था मे परिवर्तित होती है। * यह ऊर्जा के अविनाशता नियम के अनुरूप है।

(3) second law's of thermodynamics - इनके 2 statement है- (i) Clausius statement- उष्मा सदैव गर्म से ठंडी Body की ओर बिना किसी बाहरी सहायता के बहती है, किन्तु ठंडी body से गर्म body की ओर बिना किसी बाहरी सहायता के नही बह सकती। (ii) kelvin planck statement- cycling process मे ऐसा engine बनाना possible नही है जो heat को पूर्ण work मे बदल सके।

Monday, March 7, 2016

ALL 13 TYPES OF MECHANICAL PROPERTIES IN METAL.

Mechanical properties of materials.

1) strength(सामर्थ्य )-material strength किसी body मे external load सहन करने की वह अधिकतम क्षमता जिससे वह टूटती नही है उसे strength करते है।
* किसी body मे load लगाने पर उसके टूटने से पहले metal जिस maximum stress को सहन कर सकती है उसे ultimate strength करते है।


2) hardness (कठोरता)- किसी metal पर किसी अन्य अधिक hard metal द्वारा scratching और wear का प्रतिरोध करने की गुण hardness कहलाता है।
* metal को गर्म करने पर उसकी कठोरता मे कमी आती है, और सबसे अधिक कठोर पदार्थो मे हीरा और काच आते है।


3)Ductility (तन्यता) -metal का वह गुण जिसके कारण उसपर बल लगाकर बिना टूटे तार के रूप मे खीच कर बढ़ाया जा सके ductility कहलाता है।
*सोना अधिक ductile material है।

 4) toughness (चीमड़पन) - fracture के बिना bending तथा मरोड़ (torsion) को सहन करने की क्षमता toughness कहलाता है।
 *wrought iron, mild steel अधिक toughness है।

5) brittleness (भंगुरता) - किसी body मे अधिक बल से चोट लगने पर उसके आकार मे बिना परिवर्तन के टूट जाने का गुण brittleness कहलाता है।
* concrite graphite

6) elasticity (प्रत्यास्थता ) - किसी body मे external load से उसके shape मे अस्थायी परिवर्तन आता है अर्थात load हटाने पर वह अपनी पुर्नवस्था मे आ जाता है इस गुण को elasticity करते है।
*इस्पात, रबर

 7) plasticity (सुघट्यता )- किसी body पर ताप या दाब अथवा दोनो लगाकर उसके shape मे परिवर्तन किये जा सकने की properties को plasticity करते है।
*wrought iron etc.

 8) Malleability (आघातर्ध्यता) - किसी metal को बेलकर या पीटकर धातु मे टूटने या दरार हुए बिना पतले चादर के रूप मे परिर्वतन किये जा सकने की क्षमता malleability कहलाती है।
 * सोना चाँदी टिन

 9) resilience - metal का elastically रूप से ऊर्जा अवशोषित करने की क्षमता अथवा store करने का गुण metal का resilience कहलाता है।
*cold worked किया हुए couper मे high elastic limit और resilience होता है। springs इनके अच्छे उदाहरण है।

 10) stiffness - किसी material मे अन्य materials की तुलना मे होने वाला deformation उसकी stiffness show करती है।
 *material मे प्रति इकाई deformation उत्पन्न करने के लिए आवश्यक stress को stiffness करते है।

 11) fatigue - material का बार- बार cyclic loading किये जाने पर failure होना fatigue कहलाता है।

 12)machinability- किसी पदार्थ का वह गुण जिससे उसे machining (turning grinding etc) किया जा सकता है अथवा metal remove किया जा
सके machinability करते है।

 13) creep - धातुओ तथा अधातुओ मे लगातार stress लगने के कारण अथवा लम्बे समय तक load लगे रहने के कारण उत्पन्न होने वाला slow plastic deformation को creep करते है।

Wednesday, December 9, 2015

AUTOMOBILE POWER AND FUEL TRANSMISITION SYSTEM

1) petrol on- fuel flow from tank to carburettor

carburettor- air and fuel mixture बना कर  engine मे supply करता है,
और ये bernoullis principle पर work करता है। हम जो Bike मे choke use
करते है वो यही connect होता है।

2) air+fuel mixture supply in carburettor to engine

engine- normally bikes, cars मे 4 stroke engine और जिन गाड़ियो मे 2T
oil use होता है वो 2stroke engine है।

engine के cylinder मे fuel burn हो कर उनकी  gas piston को पीछे धकेलती
है जिससे piston मे movement होता है जिससे shaft मे rotational energy
genret होती है।

petrol engine मे spark plug से & diseal engine मे compressed air heat से
fuel burn होता है।

3) engine to clutch

clutch- clutch का use gear change के time होता है जिससे एक gear से
दूसरे gear मे आसानी से shift हो सके।

4) clutch to gear box

Gear box- bike, car driveing करते time अलग - अलग condition मे different
type के speed and torque की जरूरत पड़ती है, gear का use यही होता है।
Ex.- 1st gear मे high torque & low speed मिलता है।

5.1] (bike) gear box to chain then wheel

chain transmission- gear से rotational power को wheel तक transmit करने
मे use किया जाता है।

5.2] (car & other 4+ wheeler )


Gear box to universal joints & propeller shaft

Universal joints & propeller shaft- Gear rotational power को
differential gear तक transmit करने मे use होता है।

diffrential gear to axle then wheel

diffrential gear- ये final rotational power को axle के throught wheel
तक transmit करती है।

मोड़ मे गाड़ी की wheel slip न हो इसलिए इसका  use किया जाता है। मोड़ मे एक
wheel कम space मे turn होता है, जबकि दूसरा wheel अधिक long space मे
दूरी तय करता है, वहाँ diffrential gear distance manage करता है, वहाँ
एक wheel का r.p.m. कम और दूसरे wheel का r.p.m. बढ़ता है। 8-)

CARBON PERCENTAGE OF STEEL

Carbon percentage of steel

1) Wrought iron-0.02%


2) dead mild steel-0.05%-0.15%


3) mile steel-0.15%-0.45%


4) medium carbon steel-0.45%-0.80%


5) high carbon steel-0.80%-1.5%


6) white cast iron-1.75%-2.3%


7) grey cast iron-3%-3.5%


8) pig iron-3.5%-4.5%

Thursday, November 5, 2015

STEAM FIOWING SYSTEM IN BOILER

Steam flowing system in boiler.


1) water throught DM plant to economiser

2) eco tube to ring header

3) ring header to water wall
4) water wall to boiler drum
(under drum, water and steam are divede in separator and water go for recycle and steam go in roof wall)
5) roof wall
to
6) divisional heater tubes
to
7) platan super heater tubes
to
8) finel super heater tubes
to
9) HP turbine
to
10) low temperatur reheater  (LTRH)
to
11) finel reheater
to
12) IP turbine
to
13) LP turbine
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14) unsure emoticon now generator is rotating grin emoticon